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भारी जनतंत्र सब पर अस्तित्व मातृशक्ति हिंदी कविता hindikavita नारी मूर्ती नहीं इंसान है नारी सब पर भारी वापसी पर नारी आज़ाद विपदा लाचारी समाज आज

Hindi अस्तित्व पर भारी Poems